राकेश गिरी का जन्म 28 दिसंबर 1975 में सामान्य परिवार में हुआ राकेश गिरी का जीवन खुली किताब है जिसे जनता ने ना केवल पढ़ा बल्कि समझा भी है जिस उम्र में बच्चों को अपने माता पिता और परिवार का सुख मिलता है उस 13 वर्ष की उम्र में पिता का साया उन पर से उठ जाने के बाद भाई-बहन एवं परिवार की जिम्मेदारी के चलते जरूरतमंद युवा जो करता है वह राकेश गिरी ने भी किया घर चलाने के लिए अखबार बेचे, दूसरे के यहां नौकर भी बने, जनता की मांग पर राजनीति में आए और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा सबसे पहले सन् 2009 में निर्दलीय नगर पालिका अध्यक्ष बने उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली पार्टी ने इन्हें युवा मोर्चा की कमान सौंप दी अपने नगर पालिका के कार्यकाल में उन्होंने टीकमगढ़ का चहुमुखी विकास किया जिसके चलते सन 2014 में पत्नी लक्ष्मी गिरी नगर पालिका अध्यक्ष बनी दोनों ने मिलकर शहर के विकास की नींव रखी दोनों के ही कार्यकाल में नगर के एक छोर से दूसरे छोर तक किया गया विकास जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश में उदाहरण के रूप में देखा जाता है विकास के दम पर एवं जनता के आशीर्वाद से सन 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर राकेश गिरी पर अपना विश्वास दिखाते हुए विधायक पद का उम्मीदवार बनाया और जनता ने एक बार फिर सरल, सहज स्वभाव के धनी राकेश गिरी को अपना आशीर्वाद देकर टीकमगढ़ विधायक बनाया विधायक बनने की बात जनता ने राकेश गिरी को नया नाम दिया
"जननायक"
पड़ा नही पढ़ा अशुद्धि दूर कीजिये ��
ReplyDeleteDear sir ek patience h jiske sir ka operation hona h.kya vidhayak nidhi se use arthik madad mil sakti h? Please response me.
ReplyDeleteBahat badhia Kam Kar rahe ho sir
ReplyDeleteजय भाजपा विजय भाजपा
ReplyDeleteAapse pahle vidhyak to bahut rahe or yaha tak ki wo mantri bhi rahe lekin jo kaam aapne Apne chote se karykaal me kiya h wo aaj tk kisi vidhyak ne nhi kiya h bhaisab apka sath puri janta hai
ReplyDeleteसर मैं गरीब परिवार से हु मेरी आर्थिक स्थिति सही नही है मुझे काम की जरूरत है । सर जिस तरह आपने अखवार बेचे तो आप दर्द समझ सकते हो मेरा सर । अगर सर आप मुझे टीकमगढ़ कुछ सामान्य काम दिला तो आपकी बहुत कृपा होगी (5000 -6000) का भी तो भी कृपा होगी आपकी🙏, नही तो मुझे मजबूरन पलायन करने पड़ेगा , परिवार छोड़कर ।
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